सी. वी. रमन विश्वविद्यालय समाचार


राज्यपाल ने किया रेडियो रामन का शुभारंभ

21 वीं सदी में विश्व में कुछ देशों को ऐसे रोल मॉडल प्ले करना है जो दुनिया भर के लिए अनुकरणीय हो। क्योंकि भारत में दुनिया के सबसे अधिक युवा है इसलिए दुनिया के सामने हमें युवाओं का रोल प्ले करना है। डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय प्रदेश का गौरव है यहां जिस तरह से युवाओं को पढ़ाने के साथ आगे बढ़ने के लिए दिशा प्रदान की जा रही है निश्चित ही यह युवाओं को लक्ष्य साधने में सहायक सिद्ध होगा। यह बातें छततीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त ने डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय में आयोजित दिशाएं कार्यक्रम में कहीं। विश्वविद्यालय के दिशाएं कार्यक्रम में वे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के नए प्रशासनिक भवन का उद्घाटन कर निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने 90.4 एफएम रेडियो रामन का षुभारंभ कर ऑन एयर किया। राज्यपाल दत्त ने मुख्य अतिथि की आसंदी से युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में चैलेंज नहीं हो तो जीवन का मजा नहीं है। सफल होने के लिए जीवन में चैलेंज जरूरी है। आगे वहीं बढ़ते हैं जो चैलेंज को स्वीकार करते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय में युवाशक्ति को सकारात्मक दिशा देने का काम किया जा रहा है इससे विश्वविद्यालय देश के विकास में अपना योगदान दे रहा है।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने कहा कि यह विश्वविद्यालय आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थापित किया गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़ावर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षित किया जा रहा है। शिक्षा देने के साथ हम सरकार के साथ मिलकर कौशल विकास भी कर रहे है। आपने मंच से विश्वविद्यालय के सेंटर खोलने के अनुमति मांगते हुए कहा कि यहां प्रदेश के कोने&कोने से यहां विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। उनकी सुविधा के लिए जगदलपुर, रायगढ़, कोरबा सहित अन्य शहरों में सेंटर खोलने की जरूरत है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि संभागायुक्त बिलासपुर के डीपी राव ने कहा कि युवाओं को अपना व्यक्तित्व निखारकर सामने लाना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा ठक्कर ने आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर पीवीसी डॉ. आरपी दुबे, कुलसचिव शैलेश पाण्डेय उपस्थित थे। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों प्रज्ञा सोन, वेद प्रकाश ओझा, अल्का कुंभज, रेणु अग्रवाल, गीतिका साहू, वर्षा विश्वकर्मा, लाबन्या प्रभा मंडल, किशोर दिवसे, नीलू परथानी, सुशोभन  भट्टाचार्य, श्वेता लकरा, लता यादव, सनत कुमार राजपूत, सुमन वैष्णव, जसमीत कौर, अर्जुन सिंह चौहान, रागिनी सिंह, अंकिता साहू और पिंकी खुटले को प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया। 

नीति व अध्यात्म की शिक्षा जरूरी : स्वामी निश्चलानंद

विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कुलसचिव शैलेश पाण्डेय ने जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलनंद जी का चरण पदुका पूजन किया। कार्यक्रम में सुबह 11 बजे जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी ने युवाओं को जीवन के सर्वांगीण विकास के अनुरूप शिक्षा का प्रारूप विषय पर प्रवचन देते हुए बताया कि शिक्षा में नीति और अध्यात्म निहित होना चाहिए। शंकराचार्य ने गणित, भौतिकी और रसायन विषय के पौराणिक और आधुनिक महत्व का युवाओं को बताया कि जो भी सिद्धांत समीकरण आज बताए जा रहे है उनका पुराणों में उल्लेख है। बस उसे समझने की जरूरत है।

अलीक पे चलके पाएं सफलता : चेतन भगत

सीवीआरयू में छात्रों को दिये सफलता के मंत्र 

प्रसिद्ध उपन्यासकार, लेखक और युवाओं के प्रेरणाश्रोत चेतन भगत ने डॉ.सी.वी.रामन् विष्वविद्यालय द्वारा आयोजित दिषायें कार्यक्रम में हजारों युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि लाईफ में सुकून पाना है और मंजिल तक जाना है तो ईश्क और रिस्क दोनों ही जरुरी है। लाईफ को गूगल की तरह न चलाएं, धीमी गति से चलें और एक&एक कर गेयर लगाएं। ऐसा करने से गति अनियंत्रित नहीं होगी और आप सुरक्षित अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे।श्री भगत ने आगे कहा कि हमें बताया जाता है कि जीवन में दो रास्ते होते हैं। एक रास्ता सफलता की ओर ले जाता है तो दूसरा रास्ता विफलता की ओर ले जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है। सच तो ये है कि रास्ता कोई भी हो आगे बढ़ते ही जाना चाहिए। आगे बढ़ते समय रास्ते में कई बार विफलताओं का सामना करना पड़ेगा लेकिन आप उससे घबराएं नहीं। चलते रहें और चुनौतियों का सामना करते रहें तो एक समय ऐसा आएगा कि सफलता आपके कदम चूमेगी। उन्होंने युवाओं को उदाहरण देकर समझाया कि आम की उन्नत किस्म के बीज को तैयार करने वाला अगर यह बोले कि उसे दूसरे दिन इससे आम चाहिए तो ये संभव नहीं है। आम तो उसे मिलेगा जो लगातार दस साल तक बीज से निकले पौधे को पानी से सींचेगा।

जीवन में धैर्य का बड़ा महत्व : चेतन भगत ने सक्सेस का मंत्र युवाओं को देते हुए समझाया कि जीवन में धैर्य का बड़ा महत्व है। धैर्य अगर आपके पास नहीं होगा तो आप मंजिल से भटक जाएंगे। आजकल युवा बहुत कम समय में बहुत कुछ पाना चाहते हैं। ऐसी सोच हमेशा इंसान को भटकाव के रास्ते पर ले जाती है। गूगल के बारे में शायद ही कोई युवा होगा जो नहीं जानता। उसके बारे में सब यही जानते हैं कि कोई भी जानकारी चाहिए तो सर्च करो और दो मिनट में पूरी जानकारी कॉपी पेस्ट कर लो। लेकिन जीवन ऐसे नहीं चलता। सफलता पानी है तो युवाओं को कॉपीपेस्ट से बचना चाहिए। हमें अपनी योग्यता और क्षमता से संबंधित जानकारी एकत्रित करनी चाहिए। फिर जब आप उसे पेश करेंगे तो सैकड़ों में आपकी जानकारी अलग और सबको पसंद आने वाली होगी। उन्होंने युवाओं को बताया कि सफल होना है तो धैर्य को पास रखकर काम कीजिए। कुछ अलग करने की कोशिश कीजिए। जो कर रहे हैं उसमें जी&जान लगा दीजिए, तब जो परिणाम आएगा उसे ही सक्सेस कहा जाएगा।

दूसरों को समझें, मानवीय व्यवहार करें : प्रतिस्पर्धा के इस दौर की चर्चा करते हुए उन्होंने युवाओं को समझाने की कोशिश की कि किसी एक पद के लिए कई योग्य उम्मीदवार अपना आवेदन लगाते हैं,लेकिन साक्षात्कार में किसी एक का ही चयन होता है। आपने कभी इस बात को सोचा कि एक समान डिग्री होने के बाद भी किसी एक की ही नौकरी क्यों लगती है। साक्षात्कार लेने वाले उसकी शिक्षा के साथ उसमें कुछ और देखते हैं। ये देखते हैं कि वह मानवीय व्यवहार को कितना समझता है। उसके बातचीत का तरीका कैसा है और दूसरों को समझने का कितना प्रयास करता है। इस आधार पर नौकरी के लिए वो योग्य माना जाता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे बड़े सपने देखें और उसे पूरा करने में रोज लगे रहें। जब आप मतदान करके सरकार बना सकते हैं तो अपने आप को क्यों नहीं। अपनी क्षमता में वृद्धि करें और धैर्य के साथ आगे बढ़ें। सफलता फिर आपको भी मिलेगी।

पैसा कमाना नहीं बनाना सीखें : चेतन भगत ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि आज के दौर में नौकरियां बहुत कम हैं। हमें इस दिशा में ध्यान देते हुए देश में व्यापार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक समय वे एसटीडी पीसीओ का कारोबार करने की सोच रहे थे फिर बहुत सोचा कि क्या करना सही होगा। फिर इस दिशा में काम किया, खूब काम किया और आज मैं इस मुकाम पर हूं। मैं स्कूल लाईफ में लोगों को खूब हंसाता था लेकिन मुझे गणित पर ध्यान देने कहा जाता था। फिर मैंने अपनी दिशा तय की और काम किया। मैंने ये कभी नहीं सोचा था कि मेरी हंसाने की आदत एक दिन मुझे इतने बड़े मुकाम तक पहुंचाएगी। हर आदमी को अपने अंदर की आवाज सुननी चाहिए। व्यापार पैसे कमाने के लिए नहीं करें। व्यापार करते हुए पैसा बनाना सीखें। 

                                   अमित पुरोहित
जनसंपर्क अधिकारी, बिलासपुर, कोटा (छ.ग.)