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सुरक्षित नहीं है गूगल प्ले स्टोर 

एक नए साधन का प्रयोग कर कोलंबिया इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं ने एंड्र ॉयड ऐप स्टोर गूगल प्ले में सुरक्षा से जुड़ी एक बेहद गंभीर खामी की खोज की है। उन्होंने पाया कि ऐप डेवलपर अपनी सीक्रेट कुंजी को किसी यूजरनेम और पासवर्ड की तरह ऐप्स कोड के रूप में स्टोर करते हैं। ऐसे में फेसबुक और अमेजन जैसी सेवाप्रदाताओं से दुर्भावनापूर्वक डाटा चोरी कर कोई भी इसका गलत इस्तेमाल कर सकता है। यह कमजोरी उपयोगकर्ता को प्रभावित कर सकता है, भले ही वह एंड्रॉयड ऐप्स का इस्तेमाल कभी&कभी ही क्यों न करता हो। न्यूयॉर्क के कोलंबिया इंजीनियरिंग के कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर जैसन नी के अनुसार कोई इस पर ध्यान नहीं देता। गूगल प्ले में क्या है। कोई भी व्यक्ति 1475 रुपये में एक अकाउंट लेता है और मनमाफिक चीजें अपलोड करता है। वहां समग्र स्तर पर क्या है, बहुत ही कम लोगों को ज्ञात है।

कोलंबिया इंजीनियरिंग के छात्र और शोधकर्ता निकोलस विनोट के अनुसार हम लोगों ने गूगल, आमेजन, फेसबुक और अन्य सेवा प्रदाताओं के साथ बेहद नजदीकी से काम किया है, जहां हम उन्हें बताते हैं कि ग्राहक को कहां खतरा है और उसकी पहचान करते हैं। इस तरह हम इन साइटों को ग्राहकों के लिए ज्यादा सुरक्षित बनाते हैं।

इसे इनलॉक करने के लिए शोधकर्ताओं ने प्लेडोन नाम के एक उपकरण का विकास किया, जो गूगल सुरक्षा को नाकाम कर गूगल प्ले से सफलतापूर्वक ऐप्स डाउनलोड करने के लिए विभिन्न हैकिंग तकनीकों का प्रयोग करता है। उन्होंने एसीएम सिग्मेट्रिक्स सम्मेलन में एक पेपर प्रस्तुत करते हुए कहा कि ऐप्स को स्कैन करने और भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए गूगल अब हमारी तकनीक का प्रयोग कर रहा है।

गूगल करेगा पूरी दुनिया को ऑनलाइन

आपने कभी सोचा है कि जब आप इंटरनेट सर्फिंग या चैटिंग में व्यस्त होते हैं, तब 4.8 अरब लोग या दुनिया की दो तिहाई आबादी ऑनलाइन नहीं होती। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। गूगल 180 उपग्रह लांच करने की योजना बना रहा है, जिसके तहत हर किसी के पास वेब की सुविधा होगी। बहुराष्ट्रीय कंपनी गूगल एक अरब डॉलर की लागत इस तकनीक के लिए खर्च कर रहा है, जिसे उपग्रह संचार स्टार्ट अप ओ3बी नेटवर्क के संस्थापक ग्रेग वीलर विकसित करेंगे। छोटे लेकिन उच्च क्षमता वाले उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर पारंपरिक उपग्रहों की तुलना में कम ऊंचाई पर परिक्रमा करेंगे। गूगल का प्रोजेक्ट लून पूरी पृथ्वी के दूर&दराज वाले क्षेत्रों में भी ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने के लिए उच्च ऊंचाई वाले गुब्बारे बना रहा है। गूगल ने इस सेवा के लिए सौर ऊर्जा वाले ड्रोन बनाने की जिम्मेदारी टाइटन एयरोस्पेस को सौंपी है।

गूगल एंड्रॉयड 5.0 आ सकता है जल्द

गूगल की ओर से एक नए एंड्रॉयड ओएस वर्जन की कुछ तस्वीरें इंटरनेट पर लीक हो चुकी हैं। यह अभी चर्चा का विषय बना हुआ है कि गूगल एंड्रॉयड 4.5 वर्जन लॉन्च करने वाला है या एंड्रॉयड 5.0 लॉलीपॉप होगा। गूगल के एक अधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए एंड्रॉयड5.0 लॉलीपॉप की तस्वीरों को ट्विटर पर पोस्ट किया गया है। यह इस बात का इषारा है कि जल्द ही एंड्रॉयड डिवाइस के लिए नई ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट आने वाली है। गूगल की ओर तस्वीर की सिवा कोई अन्य जानकारी नहीं दी गई है। खबरों के मुताबिक गूगल का अगला एंड्रॉयड वर्जन मोबाइल में खास तरह से डिजाइन किए गए डेस्कटॉप की तरह होगा। खबर है कि गूगल लंबे समय से एक ऐसा प्रयोग कर रहा है जिससे एंड्रॉयड यूजर्स अपनी डिवाइस पर एक साथ तमाम एप्लिकेशन, गूगल क्रोम, गूगल सर्च इंजन इस्तेमाल करने की सुविधा प्राप्त हो सके। इस डिवाइस में इंटीग्रेटेड एचटीएमएल 5 सॉफ्टवेयर हो सकता है।

कैसे ओपन करें ई- पब फाइल

तकनीक के युग में डिजिटल किताबें पढ़ने का चलन काफी पॉपुलर हो रहा है। इस फॉर्मेट की किताबें पढ़ने के लिए ई&पब फाईल खोलनी पड़ती है। ज्यादातर लोगों को इन फाइलों को खोलने में परेशानी आती है। आइए जानते हैं एंड्रॉयड और आईओएस डिवाइसों पर ई&पब फाइल कैसे आसानी से खाली जा सकती है। एंड्रॉयड डिवाइसों पर ई&पब फाइल खोलने के लिए सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से 'एल्डीको` या 'यूनिवर्सल बुक रीडर` डाउनलोड करना होगा। इसके बाद ई&पब फाइल को एंड्रॉयड डिवाइस पर कॉपी करें और फिर यूनिवर्सल बुक रीडर खोलें। पहली बार खोलने पर यह बुक रीडर कुछ फीचर टिप्स दिखाएगा। इसे नेक्स्ट करने के बाद यह एप्लीकेशन सभी ई&बुक इम्पोर्ट करने की अनुमति मांगेगा। इसके बाद 'यस` ऑप्शन पर क्लिक करके आपकी डिवाइस पर मौजूद सभी ई&बुक्स आसानी से पढ़ी जा सकती है।

आईफोन और आईपेड जैसी आईओएस डिवाइस पर ई&पब फॉर्मेट की फाइलें खोलने का सबसे अच्छा तरीका है कि इन्हें ड्रॉपबॉक्स या आईबुक एप जैसी क्लाउड स्टोरेज सर्विस के साथ खोला जाए। इसके लिए ड्रॉपबॉक्स की आईओएस एप को डाउनलोड करें। शुरुआत में ई&पब फाइल खोलने पर यह एक एरर मैसेज दिखाएगा कि 'ड्रॉपबॉक्स यह फाइल नहीं खोल सकता।` इसके बाद शेयर बटन पर क्लिक करें। यहां पर आईबुक के साथ फाइलें खोलने का विकल्प आएगा। इस विकल्प पर क्लिक करने के बाद ई&पब फाइल आसानी से पढ़ी जा सकती है।

चंौमा पर धरती से ज्यादा तेज इंटरनेट

अब धरती से कहीं ज्यादा चंौमा पर इंटरनेट की स्पीड तेज होगी। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रास्ता ढूंढ निकाला है, जिससे चंौमा पर ब्रॉडबैंड की स्पीड 20 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड के भीतर होगी। नासा के साथ काम कर रही मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (एमआईटी) की रिसर्चर टीम ने डेटा कम्यूनिकेशन टेक्नॉलॉजी का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में डेटा, वीडियो और ऑडियो को चंौमा से धरती तक और फिर धरती से चंौमा तक भेजा गया। इस लेज़र सिस्टम के आरएफ सिग्नल के जरिए डाउनलोड स्पीड 19.44 उइचे और अपलोड स्पीड 622 उइचे पाई गई, जिसे पिछले रिकॉर्ड की अपेक्षा 4,800 गुना तेज कहा जाएगा। अब तक की बेस्ट रेडियो फ्रीक्वेंसी सिस्टम द्वारा किए गए डाउनलोड की अपेक्षा यह सिस्टम 6 गुना तेज है। लेज़र सिस्टम द्वारा इस डाउनलोड में रेडियो सिस्टम की अपेक्षा 25 प्रतिशत कम पावर खर्च होता है। नासा के ल्यूनार लेज़र कम्यूनिकेशन डिमॉन्स्ट्रेशन स्स्ब्क् के अंतर्गत 20 उइचे डेटा अपलोड की गति भी अब तक इस्तेमाल की जानेवाली रेडियो फ्रीक्वेंसी सिस्टम द्वारा किए जाने वाले अपलोड की गति से 5000 गुना तेज है।

 ऐपल ने आईमैक, मैक मिनी की कीमतें घटाईं

ऐपल ने भारत में कम कीमत वाला आईमैक लॉन्च करने के बाद मैक डेस्कटॉप कम्प्यूटर्स और ऐपल टीवी के दाम घटा दिए हैं। 2.7 गीगाहर्ट्ज क्वॉड&कोर इंटेल कोर प5 प्रोसेसर के साथ 21.5 इंच वाला आईमैक अब 92,900 रुपए का हो गया है। पहले इसकी कीमत 99900 रुपए थी। इसी में 2.9 गीगाहर्ट्ज प्रोसेसर वाले आईमैक की कीमत पहले के 1,14,900 रुपए से 1,06,900 रुपए हो गई है। 3.2 गीगाहर्ट्ज क्वॉड&कोर इंटेल कोर प5 प्रोसेसर के साथ 27 इंच वाला आईमैक की कीमत 12,000 रुपए घटी है और अब यह 1,27,900 रुपए में मिलेगा। इसी में 3.4 गीगाहर्ट्ज प्रोसेसर वाले आईमैक की कीमत भी 12,000 रुपए घटी है और अब यह 1,42,900 रुपए में मिलेगा। तीनों मैक मिनी की कीमतें 2&2 हजार रुपए कम हो गई हैं। डÎूल&कोर प5 2.5 गीगाहर्ट्ज, 4 जीबी रैम, 500 जीबी हार्ड डिस्क और एचडी ग्राफिक्स वाला मैक मिनी 42,990 रुपए में मिलेगा। क्वॉड&कोर प7 2.3ाhगाहर्ट्ज, 4 जीबी रैम, 1 टीबी हार्ड डिस्क और एचडी ग्राफिक्स वाला मैक मिनी 56,990 रुपए में मिलेगा। ओएस ग् सर्वर क्वॉड&कोर प7 2.3 गीगाहर्ट्ज, 4 जीबी रैम, दो 1 टीबी हार्ड डिस्क और एचडी ग्राफिक्स वाला मैक मिनी अब 70,990 रुपए में मिलेगा। ऐपल का स्ट्रीमिंग मीडिया प्लेयर ऐपल टीवी अब 7,500 रुपए में मिलेगा। पहले इसकी कीमत 8,400 रुपए थी। ऐपल ने भारत में 21.5 इंच का नया आईमैक उतारा है। इसकी कीमत 79,990 रुपए है। इसमें 1.4 गीगाहर्ट्ज डÎूल&कोर इंटेल कोर प5 प्रोसेसर, 8जीबी रैम और 500 जीबी हार्ड डिस्क है।  

अब बिना एटीएम के भी निकलेंगे पैसे

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अब बगैर एटीएम के लोग दुकान या मॉल में स्वाइप मशीन के जरिए 100 से एक हजार रुपये तक निकाल सकेंगे। भारतीय स्टेट बैंक शीघ्र ही ग्राहकों को कैश एंड पॉश स्कीम की सुविधा का लाभ देगा। कई बड़े शहरों में यह सुविधा शुरू हो गई है। एसबीआई के एटीएम चैनल प्रबंधक कृष्ण मूर्ति के अनुसार बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए शहर में जल्द ही कैश एंड पॉश स्कीम शुरू करने जा रहा है। ग्राहक 100 रुपये से एक हजार तक नकद बड़े दुकानदारों से ले सकेंगे। यह सुविधा केवल चुनिंदा स्वाइप मशीन वाले दुकानदारों के पास मिलेगा। बताया जा रहा है कि जुलाई से ग्राहक इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। हालांकि इस सुविधा का उपयोग करने वाले ग्राहकों को कुल धनराशि का एक प्रतिशत सर्विस चार्ज के रूप में देना होगा।

इस स्कीम के अंतर्गत ग्राहक अपने नजदीकी दुकान मॉल से नकद रुपये प्राप्त कर सकते हैं। मॉल या दुकान में रखे स्वाइप मशीन में एटीएम कार्ड का उपयोग करना होगा, जिसमें संचालक की सहमति के बाद ग्राहक को न्यूनतम 100 रुपये व अधिकतम एक हजार रुपये नकद प्राप्त हो सकेगा। कई बार ग्राहक खरीदारी करने के बाद तथा आसपास एटीएम मशीन न होने से नकद रुपये की तलाश में भटकता है। यह सुविधा शुरू होने से ग्राहकों को राहत मिलेगी।

एसबीआई प्रबंधन जल्द ही शहर के प्रमुख व्यापारियों से संपर्क कर अनुबंध करेगा। इसके बाद तत्काल यह सुविधा शुरू हो जाएगी। मॉल के भीतर प्रमुख दुकानों के अलावा शहर के बड़े दुकानदार, जिनके पास एसबीआई स्वाइप मशीन की सुविधा है। वहां यह सेवा शुरू की जाएगी। ग्राहकों को इस सेवा के शुरू होने से तत्काल आवश्यकता होने पर बगैर एटीएम के भी नकद रुपये उपलब्ध कराया जाएगा।

गूगल स्ट्रीट व्यू का हिस्सा बने सुनामी से तबाह जापान के तट

जापान में मार्च 2011 में आई सुनामी ने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा था। देखते ही देखते कई शहरों में जबर्दस्त नुकसान हुआ था। तटों के किनारे बसे स्कूल, होटल, संस्थान और रहवासी इमारतें ध्वस्त हो गई थीं। अब गूगल ने अपने 'स्ट्रीट व्यू फ्राम दि ओशन` प्रोगाम के तहत जापान की उन जगहों को कैमरे में कैद किया है जहां सुनामी ने कहर बरपाया था। गूगल ने इसके लिए अत्याधुनिक कैमरे लगी ऐसी नाव जापान के पूर्वोत्तर तटों की ओर भेजा है। तटीय इलाकों की विशेष फोटो लेने के लिए इस नाव पर 15 लैंस लगाए गए हैं। स्ट्रीट व्यू प्रोग्राम में वह जगह भी शामिल हैं, जहां काफी तीव्र गति से सुधार  कार्य कर लिए गए हैं। सुनामी के कारण तबाह इमारतों की पैनोरमा फोटो पहले ही ले ली गई है। जनवरी 2015 में ही गूगल अर्थ सॉफ्टवेयर के जरिये आप उन जगहों को करीब से देख पाएंगे। इनमें तबाही और पुनर्बसाहट के स्थान भी शामिल किए गए हैं। जापान की  इस सुनामी ने यहां के प्रमुख फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचाया था। उसके बाद से वह क्षेत्र चेर्नोबिल की तरह वीरान पड़ा है। जहरीला रसायन फैलने के कारण कई किलोमीटर तक एक मनुष्य भी नजर नहीं आता है।

चीन का तिआन्हे&2 दुनिया का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटरचीन का सुपर कम्प्यूटर तिआन्हे&2 लगातार तीसरे साल दुनिया का तेज कम्प्यूटर बना हुआ है। वह अपने अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी के मुकाबले दो गुना तेज है। चीन की भाषा में तिआन्हे&2 का अर्थ होता है, दुग्ध मेखला&2। यह प्रति सेकंड 33.86 पीटाफ्लॉप्स पर ऑपरेट कर सकता है। यदि सामान्य भाषा में कहें तो यह प्रति सेकंड 33.860 ट्रिलियन गणनाएं कर सकता है। इस मषीन द्वारा एक घंटे में की गई गणना 1.3 अरब लोगों द्वारा 1,000 वर्ष में की गणना के बराबर है। दुनिया के सबसे तेज सुपरकम्प्यूटर्स की टॉप 500 लिस्ट में तिआन्हें&2 तीसरी बार पहले स्थान पर काबिज हुआ है। यह सूची हर छह माह में बनती है। सरकारी संवाद समिति षिन्हुआ की खबर के मुताबिक, इस सुपर कम्प्यूटर का विकास नेषनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस ने चीन के 863 आधुनिक प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के तहत किया है जिसका लक्ष्य विदेषी तकनीकों पर देष की निर्भरता घटाना है।

अब प्रजेंटेशन तैयार कीजिए गूगल के नए स्लाइड ऐप पर

इसी वर्ष मई में सर्च इंजन गूगल ने अपने यूजर्स को एक विशेष सूचना दी थी जिसके अंतर्गत यह कहा गया था कि कंपनी गूगल ड्राइव में ही डॉक्यूमेंट को एडिट करने की सुविधा हटा रही है और इसकी जगह पर नया एप्लीकेशन लांच करेगी। कंपनी के अनुसार यह खबर आते ही तीन एप्स&ड्रॉक्स, शीट्स स्लाइड में से गूगल ने डॉक्स, शीट्स एप को एंड्रायड व आईओएस यूजर्स के लिए लांच कर दिया था और अब कंपनी ने स्लाइड एप को भी लांच  किया है लेकिन सिर्फ एंड्रायड यूजर्स के लिए।आप गूगल प्ले के जरिए स्लाइड एप को डाउनलोड कर सकते हैं। कंपनी ने इस एप के आईओएस वर्जन को जल्छ ही लांच करने की सूचना दी है। यह एप माइक्रोसॉफ्ट पॉवर प्वाइंट व एपल कीनोट की तरह काम कर सकती है।

इस एप की सबसे अच्छी बात यह है कि आप ऑफलाइन मोड में होते हुए भी इस पर काम कर सकते हैं। आपका किया हुआ कोई भी काम बेकार नहीं जाएगा क्योंकि जैसे आपका किया हुआ काम ड्राइव में सेव होता जाएगा। एप में मौजूद हिस्ट्री मोड की मदद से आप अपना पुराना काम देख सकेंगे और साथ में यह भी पता लगा पाएंगे कि किसने किस वक्त आपकी बनाई प्रजेंटेशन में बदलाव किए हैं। इसके साथ ही प्रजेंटेशन में स्लाइड, टेक्सट, वीडियो, आकार व अन्य चीजें जोड़ने के अलावा गूगल आपको इस एप के जरिए विभिन्न थीम, फॉट व एनीमेशन जैसी सुविधा को डालने का भी लाभ देता है।

अब एंड्रॉयड पर हुआ सब कुछ आसान

सैन फ्रांसिस्को में चल रही सालाना डवलपर्स कॉफ्रेंस में गूगल का जोर टेलीविजन और कार पर भी दिखा। गूगल ने एंड्रॉयड टीवी पेश करने के अलावा एंड्रॉयड पर चलने वाली कार लाने का भी ऐलान किया है।

टीवी : गूगल ने इस बार एंड्रॉयड टीवी पेश किया है। गूगल के मुताबिक एंड्रॉयड टीवी का प्लेटफार्म स्मार्टफोन और टैबलेट जैसा ही होगा। यूजर अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन, टैबलेट या स्मार्टवॉच के जरिए बोलकर कमांड दे सकेंगे और टीवी पर वैसा ही होगा। लोग इस पर टीवी शो और मूवीज के अलावा यू ट्यूब के वीडियो भी देख सकेंगे।

फिटनेस : गूगल ने फिटनेस ट्रेकिंगफॉर्म 'गूगल फिट` पेश किया। इससे यूजर स्मार्टवॉच और दूसरी डिवाइस पर हैल्थ और फिटनेस डेटा जान सकेंगे।

कार : यूजर्स एंड्रॉयड ऑटो के जरिए मैप्स और इन&कार कंट्रोल के साथ म्यूजिक जैसे फीचर्स पा सकेंगे। कंपनी ने गूगल नाउ को भी इसमें जोड़ा है। एंड्रॉयड ऑटो के फीचर्स को कार के स्टीरिंग वील और डायल के जरिए कंट्रोल किया जा सकेगा कार में एक क्रीन पर उस जगह की दूरी भी दिखेगी, जहां पहुंचना है। इसमें वाइस कमांड से नेविगेशन, फोन, म्यूजिक एसएमएस आदि की व्यवस्था होगी।