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हिन्दी पर जोर दे रही है गूगल

जब गूगल अपने सस्ते एंड्राय वन स्मार्टफोन लॉन्च करेगी, तो इसमें भारतीय यूजर्स के पास हिन्दी में वॉइस कमांड्स देने, मेसेज टाइप करने और तकरीबन सभी मोबाइल एप्स इस्तेमाल करने की सहूलित मिलेगी। ऐसा इस वजह से हो रहा है क्योंकि कैलिफोर्निया की इस इंटरनेट दिग्गज कंपनी को उम्मीद है कि उभरते बाजारों के हिसाब से तैयार किए गए इन स्मार्टफोन से उसे देश के इंग्लिश न बोलने वाले हिस्से को हासिल करने में मदद मिलेगी। भारत की 40 फीसदी से ज्यादा आबादी हिन्दी को अपनी पहली भाषा मानती है। गूगल ने पिछले कुछ समय में अपने  प्रॉडक्ट्स पर हिन्दी को लेकर काफी काम किया है। एंड्रायड वन लोकल लैंग्वेज सपोर्ट के साथ आएगा और यूजर्स को अपने स्मार्टफोन को हिन्दी में इस्तेमाल करने के लिए एक्सटर्नल ऐप को डाउनलोड नहीं करना पडे़गा। गूगल के प्रवक्ता ने एक ईमेल में कहा, ‘गूगल लगातार रीजनल लैंग्वेट सपोर्ट के लिए काम करती रहती है।’ इंटरनेट एंड मोबाइल असोसिएशन ऑफ इंडिया और आईएमआरबी इंटरनेशनल की 2014 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 25 फीसदी बढ़ सकती है, अगर उसे लोकल लैंग्वेज में कॉंन्टेंट  दिया जाए।

ग्रामीण भारत में 43 फीसदी लोगों का कहना है कि अगर उन्हें लोकल लैंग्वेज में कॉन्टेंट मिले, तो वे इंटरनेट को अपना सकते हैं। गूगल लोकल पार्टनरशिप के जरिए और ज्यादा ऑनलाइन हिंदी कॉन्टेंट तैयार करने पर काम कर रही है और इसके स्थानीय निवासियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर और ज्यादा प्रॉडक्ट्स लॉन्च करने की उम्मीद है। डेवलपमेंट के लिए इंडिक कम्प्यूटिंग और टेक्नॉलॉजी पर काम करने वाली कंपनी अल्केमी बिजनेस सल्यूशंस के फाउंडर वेंकटेश हरिहरन ने कहा, ‘अब तक अलग-अलग वेंडर्स भारतीय भाषाओं के लिए अलग-अलग वेंडर्स भारतीय भाषाओं के लिए अलग-अलग घटक मुहैया करा रहे थे और यूजर्स को इसे खुद ही तैयार करना पड़ता था। अगर गूगल कॉम्प्रिहेंसिव एक्स्पीरियंस ऑफर करती है तो वह लाखों की संख्या में नए यूजर्स को इंटरनेट से जोड़ सकता है।’ इंडिक कम्प्यूटिंग अभी तक काफी सीमित रही है क्योंकि इसके लिए एक साइट से कीबोर्ड डाउनलोड करना पड़ता है, एक लोकल लैंग्वेज डिक्शनरी अलग साइट से डाउनलोड करनी पड़ती है और फॉन्ट्स अलग साइट से लेने पड़ते हैं। हरहरण ने कहा, ‘अगर हम वास्तविकता में बड़े स्तर पर अडॉप्शन चाहते हैं तो भारतीय भाषाओं में मोबाइल फोन इस्तेमाल करना इंग्लिश की बजाय ज्यादा आसान हो जाएगा।’ यही चीज गूगल हासिल करने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए वह भारतीय मोबाइल कंपनियों माइक्रोमैक्स, स्पाइस और कार्बन के साथ मिलकर स्मार्टफोन डेवलप कर रही है।

मिलेगा 100 जीबी का मुफ्त गूगल ड्राइव स्टोरेज

एचटीसी ने गूगल के साथ मिलकर इस कार्य को शुरु किया है। एचटीसी अपने कुछ स्मार्टफोन में मुफ्त क्लाउड स्टोरेज की सुविधा प्रदान करेगा जो कि 2 वर्षों तक मानः होगा। प्रोजेक्ट के अंतर्गत जिन स्मार्टफोन को मुफ्त में स्टोरेज प्रदान किया जाएगा वो हैं एचटीसी वन एम 8 एचटीसी डिजायर 816, एचटीसी डिजायर 610 व एचटीसी वन मैक्स। इसके अलावा कंपनी पिछले साल लांच हुए कुछ स्मार्टफोन में 25 जीबी का स्टोरेज प्रदान करेगी जिनके नाम हैं - एचटीसी वन, एचटीसी बटरफ्लाइ एस, एचटीसी वन मिनी व एचटीसी डिजायर 601 आदि। यदि आप भी इस सुविधा को इस्तेमाल करना चाहते हैं तो जनवरी 2016 से पहले-पहले अपने फोन को उपग्रेड कर लें। जिस दिन से आप इस सुविधा को शुरु करेंगे उस दिन से ही ठीक 2 साल तक यह काम करेगी। इसके संबंध में गूगल का कहना है कि एक यूजर अपनी एक गूगल आईडी से दो स्मार्टफोन पर क्लाउड स्टोरेज की सुविधा शुरु कर सकता है जिसमें से एक स्मार्टफोन पर 100 जीबी व दूसरे पर 25 जीबी तक का मुफ्त स्टोरेज मिलेगा। साथ में यह भी कहा गया है कि ग्राहक एक ही गूगल अकाउंट से एक ही तरह के ऑफर को 12 महीने से पहले दोहरा नहीं सकता। यदि 2 साल पूरे होने पर आपकी यह सुविधा खत्म हो जाती है तब भी आपका सारा सामान व फाइलें ड्राइव में सुरक्षित रहेगी। आप जब चाहे इन्हें वहां से डाउनलोड कर सकते हें। लेकिन आप समय सीमा समाप्त होने पर किसी भी फाइल को अपलोड नहीं कर सकेंगे, इसके लिए आपको और स्टोरेज खरीदनी पड़ेगी।

मोबाइल पर फ्री में देखिए 20 से भी ज्यादा टीवी चैनल

इससे अच्छी बात भला और क्या हो सकती है, जब मोबाइल फोन पर ही 20 से ज्यादा टीवी चौनल फ्री में देखने को मिले। जी हां, अब ऐसा जल्द ही होने जा रहा है। दूरदर्शन अगले साल से मोबाइल फोन पर 20 फ्री टू एअर चैनलों का प्रारण शुरू करने जा रहा है। हालांकि फिलहाल यह सेवा दिल्ली और मुम्बई में ही शुरू हो रही है। दूरदर्शन तैयारी कर रहा है कि इस सेवा के तहत दूरदर्शन के सभी फ्री टू एयर चैनलों को दिखाया जाए। इसके साथ ही निजी चौनल कंपनियों को भी दूरदर्शन अपनी इस योजना से जोड़ने की तैयारी में है। प्रसार भारती द्वारा यह सेवा फ्री में देने की कोशिस की जा रही है। दूरदर्शन द्वारा मोबाइल फोन पर ये टीवी चैनल डिजिटल वीडियो ब्रॉडकास्ट टेरीस्टिरियल (डीवीबी-टी) तकनीक के तहत प्रसारित किए जाएंगे। आपको बता दें कि यह बेहद तकनीक है जिसका इस्तेमाल दुनिया में 44 देश कर रहे हैं। प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सिरकर ने कहा कि देश में 22 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन ग्राहक हैं। लोग 10 से 12 घंटे अपने ऑफिस में काम पर रहते हैं। वे हमेशा टीवी नहीं देखते। इसलिए उनका ज्यादातर समय सूचना लेने के लिए मोबाइल फोन या टेबलेट पर ही गुजरता है। कंपनी का कहना है कि इसी लिहाज से दूरदर्शन की 20 चैनलों के साथ मोबाइल फोन सेवा ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हो सकती है। साथ ही सार्वजनिक प्रसारणकर्ता की लोकप्रियता में भी इजाफा होगा।