विज्ञान समाचार


  बिना डेबिट कार्ड ATM से पैसे निकाल सकेंगे आप

निजी क्षेत्र के सबसे बड़े आईसीआईसीआई बैंक ने बेहतर बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिना डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किए मोबाइल फोन के जरिए पैसे निकालने की सेवा शुरू की है। बैंक ने बयान में कहा है कि उसकी कार्डलेस कैश विड्रॉ सेवा के तहत ग्राहक अपने खाते से देश के किसी भी हिस्से में मोबाइल फोन के जरिए धन का ट्रंसफर कर सकते हैं। इसके बाद प्राप्तकर्ता आईसीआईसीआई बैंक के किसी भी एटीएम से बिना डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किए पैसे निकाल सकता है। हालांकि पैसे का ट्रंसफर करने वाले और प्राप्तकर्ता का आईसीआईसीआई बैंक में बचत खाता होना अनिवार्य है। उसे बैंक की वेबसाइट पर इंटरनेट बैंकिंग पर लॉगइन करने के बाद पेज पर प्राप्तकर्ता का नाम, मोबाइल नंबर और उसका पता लिखना होगा। इसके बाद सरल मोबाइल एसएमएस से उसे चार अंकों वाला वेरिफिकेशन कोड और प्राप्तकर्ता को छह अंकों का रेफ्रेंस कोड मिलेगा। प्राप्तकर्ता मोबाइल नंबर के साथ ही इन दोनों कोड की मदद से बैंक के किसी भी एटीएम से दो दिन के अंदर रुपये निकाले सकेंगे। 

 

 गायें भी बनेंगी 'सेरोगेट मदर'

दुधारू पशुओं में शीघ्र भूण प्रत्यारोपण तकनीक का प्रयोग शुरू किया जा रहा है। इसी के तहत प्रजनन की –ष्टि से बेकार हो चुकी गायों का 'सेरोगेट मदर` के रूप में उपयोग करने की योजना है। भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीकी के प्रयोग से दुधारू पशु

ओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता तो बढ़ेगी ही, उच्च गुणवत्ता वाली गायों की संख्या में भी वृद्धि होगी। इस तकनीक से 60&65 लीटर दूध देने वाली गायें पैदा की जाएंगी।  विदेशी नस्ल की गायों में भी भ्रूण प्रत्यारोपण करके पशु संततियों को उत्पन्न किया जाएगा। इस तकनीक से गाय अब सिर्फ बछिया ही जन्मेंगी। जरूरत पड़ने पर बछड़े को भी भ्रूण प्रत्यारोपण विधि से जन्म दिया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की सेक्सिंग तकनीक को अपनाकर दुधारू गायों में भ्रूण प्रत्यारोपण करके उच्च कोटि की नस्ल वाली दुधारू बछियों को उत्पन्न किया जाएगा। अच्छी नस्ल की गाय को तकनीक के माध्यम से गर्भाकर उससे साल भर में दो से तीन अंडे (डिम्ब) लिए जा सकेंगे और एक बार में 14 से 15 डिम्ब (अंडे) निकाले जा सकते हैं। उनको अच्छी नस्ल के सांड के वीर्य से निषेचित करके उन गायों के गर्भ में डाल दिया जाएगा जो दूध देने के काबिल नहीं हैं। इस विधि से बेकार हो चुकी गायों की भी उपयोगिता बनी रहेगी। इस तकनीक से एक अच्छी नस्ल की गाय से बिना उसे दुग्ध उत्पादन को बाधित किए सालभर में 30&35 डिम्ब (अंडे) प्राप्त करके इतने ही बछिया पैदा किए जा सकेंगे। 

स्पेस स्टेशन तक पहुंचने का जोखिम भरा सफर तय करने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को अब बेहद आरामदायक और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एयर टैक्सियों की सेवा जल्द ही मिलने जा रही है।  अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया है कि उसने व्यावसायिक स्तर पर ऐसी टैक्सियां बनाने का ठेका विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग और एक दूसरी कंपनी स्पेसएक्स को दिया है। बोइंग की ओर से बनाए जाने वाली एयर टैक्सी का नाम (सीएसटी 100) होगा जबकि स्पेसएक्स ने अपने यान का नाम ड्रैगन रखने का फैसला किया है। ये यान न सिर्फ अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन तक लाने ले जाने का काम करेंगे बल्कि वहां जरूरी साजो सामान भी पहुंचाएंगे।

नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के अध्यक्ष कैसे ल्यूडर्स ने कहा कि ये यान भविष्य में कई अहम मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों के लिए रास्ता खोलेंगे। अंतरिक्ष यात्रियों और साजो सामान को पहुंचाने के लिए इन यानों की सेवा 2017 में उपलब्ध करा दी जाएगी। नासा ने पुराने पड़ चुके अपने स्पेस शटल कार्यक्रम को खत्म करने के इरादे के साथ 6.8 अरब डॉलर की लागत से यह नई योजना शुरू की है। ऐसा भी माना जा रहा है कि यूक्रेन संकट को लेकर रूस के साथ रिश्तों में आ रही खटास को देखते हुए भी अमेरिका अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रूस के सोयूज यान पर अपनी निर्भरता खत्म कर देना चाहता है। इस यान के इस्तेमाल के लिए नासा को प्रति उड़ान सात करोड़ डॉलर खर्च करने पड़ते हैं।

 मिल गया तैरने वाला सबसे बड़ा डायनासोर

हाल ही में मिले अब तक इस सबसे बड़े तैरने वाले डायनासोर की साइज देखकर कोई भी सहम सकता है क्योंकि यह कोई छोटा&मोटा नहीं बल्कि 15 फुट लंबा डायनासोर है जो तैरने वाली डायनासोर प्रजाति में सबसे बड़ा है। हालांकि यह कोई जिंदा डायनासोर नहीं, बल्कि उसका जीवाश्म है जिसकी लंबाई 15 फुट की है। इस विशालकाय डायनासोर का चेहरा घड़ियाल की तरह है और इसकी संरचना नाव जैसी है। इस विशालकाय जीव 'स्पाइनोसोरस एजिप्टिकस` के पैर चप्पू की तरह हैं। इस डायनासोर को खोजने वाली जीवाष्म वैज्ञानिकों की टीम में शामिल इलिनोइस के शिकागो विष्वविद्यालय के निजार इब्राहिम का कहना है कि यह पहला डायनासोर है, जिसमें   अद्भुत अनुकूलताएं देखी गई हैं। मुझे शक नहीं कि स्पाइनोसोरस अधिकांशतः शिकार पानी के अंदर करता होगा। बताया गया है कि अन्य जलीय अनुकूलताओं में स्पाइनोसोरस में नासिका छिौ भी है, जो संभवतः पानी के अंदर सांस लेने के काम आता होगा। वहीं मिलन म्यूजियम के साइमन मेगानुको ने कहा कि इसके दांत भी मछली की तरह हैं और इसकी अगली टांग बेहद मजबूत है, जो पानी में चप्पू की तरह काम करती होगी। हालांकि इससे पहले शोधकर्ताओं को इस बात पर शक था कि शायद ही डायनासोर पानी में रहता होगा। लेकिन अब उन्होंने इसके कुछ प्रमाण ढूंढ़ निकाले हैं। पूवब मोरक्को में जिस जगह पर स्पाइनोसोरस मिला है, वहां झील और नदियां थीं जिससे यह बात स्पष्ट हो गई।

दिमाग के 'तार` गायब, फिर भी जिंदा है वो!

यह बात आपको अविष्वसनीय लग सकती है, लेकिन सच है कि 88 साल के एक व्यक्ति के मस्तिष्क में दोनों भागों को जोड़ने वाली तंत्रिका नहीं है। आमतौर पर एक इंसान का मस्तिष्क दो भागों में बंटा होता है और दोनों भाग आपस में तंत्रिकाओं के जाल के द्वारा जुड़े होते हैं, जिन्हें महासंयोजिका (कॉर्पस कॉलसम) कहते हैं। लेकिन वेबसाइट वायर्ड डॉट कॉम के मुताबिक, एच डब्ल्यू नाम के इस 88 साल के व्यक्ति के मस्तिष्क में कॉर्पस कॉलसम नहीं है। उनके मस्तिष्क में दो भागों को जोड़ने वाली मुख्य वाहिका गायब है। चिकित्सकीय भाषा में कहें तो एच डब्ल्यू कॉर्पस कॉलसम में एजेनेसिस की समस्या से पीड़ित हैं। मतलब जन्म के समय से ही उनके मस्तिष्क की यह संरचना गायब है। चिकित्सकों के लिए यह बड़ी ही हैरतअंगेज बात है, कि एच डब्ल्यू ने इस समस्या के साथ फौज में एक सामान्य जीवन जिया और सेवानिवृत होने के बाद भी सामान्य कामकाजी जीवन जिया। हाल ही में वह याददाश्त की मामूली समस्या को लेकर चिकित्सक से मिले। वेतरंस अफेयर्स ईस्टर्न कोलोरैडो हेल्थ केयर सिस्टम के चिकित्सक ने कहा कि यह मामला दिमाग के विकास के लचीलेपन की ओर ध्यान खींचता है। 

 

आपको 700 साल आगे तक ले जाएगा ये वीडियो गेम

एक ऐसा जबरदस्त वीडियो गेम आ चुका है जो आपको भविष्य में 700 साल आगे तक ले जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि यह अब तक का सबसे महंगा और इस साल का सबसे बड़ा वीडियोगेम भी है। यह वीडियो गेम 'डेस्टीनी` नाम से आया है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा इस यह वीडियोगेम इतना पॉपुलर हुआ है कि लॉन्च होने से पहले ही इसके एक करोड़ कस्टमर लाइन में लगे हुए हैं। इस साई&फाई वीडियोगेम डेस्टीनी को अमेरिका स्थित वीडियो गेम डेवलपर&बंगी कंपनी ने तैयार किया है। इसकी कई ऐसी खासियते हैं जो अब तक किसी भी वीडियोगेम में नहीं आई। इस वीडियोगेम के जरिए यूजर भविष्य में 700 साल तक आगे जाने समेत अंतरिक्ष की यात्रा कर तक सकेंगे और गेम में शामिल इंसानों को एलियंस की मार से बचा सकेंगे। आपको बता दें कि दुनिया के इस सबसे महंगे वीडियोगेम के प्रोजेक्ट पर 50 करोड़ डॉलर खर्च हुए हैं। दूसरे शब्दों के यह नई स्टार वार्स फिल्म के बजट से भी दोगुने बजट में तैयार हुआ है। इस गेम की एक और खास बात ये है कि इसे सिर्फ ऑनलाइन ही खेला जा सकेगा और इस कारण इसमें हिस्सा लेने वाले लोग एक दूसरे के गेम के बारे में विचार साझा कर सकते हैं। गेम में लोग सौर मंडल को एलियंस के आक्रमण से बचा सकेंगे। यह गेम ग्रुप में या फिर अकेले भी खेला जा सकता है। इसके जरिए लोग पृथ्वी के अलावा शुक्र, मंगल और चांद की यात्रा कर सकेंगे।  

 एप्पल की डिवाइस से देखेंगे अंधेरे में

स्मार्टफोन निर्माता एप्पल एक ऐसी डिवाइस लेकर आई है जिससे अंधेरे में भी सबकुछ साफ&साफ देखा जा सकता है। यह डिवाइस एप्पल आईफोन के साथ इस्तेमाल की जाती है। कंपनी ने इसे 'फ्लिर वन` नाम से 21ए220 रुपये की कीमत में पेश किया है। इस डिवाइस का इस्तेमाल करते हुए आप आईफोन के जरिए किसी व्यक्ति, पशु या किसी भी अन्य वस्तु की ओर करने पर उस वस्तु से निकलने वाली उष्मा के जरिए उसे देख सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस डिवाइस के जरिए यूजर अपने आईफोन की मदद से अंधेरे में अपने दोस्तों को खोजने, अंधेरे में झाड़ियों में छिपे जानवरों को देखने या अंधेरे में इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट का पता लगाने में भी कर सकते हैं। फ्लिर वन डिवाइस में अलग से बैट्री लगी होती है और इसे आईफोन&5 और 5 एस के पीछे लगाया जा सकता है। इसके बाद आप अंधेरे में खड़ी अपनी कार को भी इसकी मदद से आसानी से ढूंढ सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि यह डिवाइस सेना के जवानों और अग्निशमन अधिकारियों के लिए भी यह उपकरण काफी उपयोगी साबित हो सकता है।