सी. वी. रमन विश्वविद्यालय समाचार


रेडियो रामन् से होगी प्रशासनिक सेवा की तैयारी 

प्रतियोगिता पाठयक्रमों के प्रसारण का षुभारंभ 

रेडियो रामन् के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा, बैंकिंग, रेलवे सहित सभी स्तर की परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए देश व प्रदेश के शीर्ष कोचिंग सेंटरों से ओएमयू किया जा रहा है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने कोचिंग सेंटरों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों का गहन अध्ययन किया है। कोचिंग सेंटरों से ओएमयू के बाद सभी परीक्षाओं के विषय विशेषज्ञ रेडियो रामन् में आकर अपने लेक्चर देंगे। जिसका प्रसारण रेडियो द्वारा किया जाएगा। विधिवत पाठ्यक्रम के अनुसार ये लेक्चर लगातार प्रसारित किए जाएंगे। जिससे अंचल के युवा कोचिंग के क्लास रूम की तरह हर दिन की तैयारी और होम वर्क पूरा कर सकेंगे। सीवीआरयू कुलसचिव षैलेष पाण्डेय ने बताया कि इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस कार्यक्रम को उस पैटर्न में तैयार किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों को घर बैठे ही कोचिंग जैसी गंभीरता से परीक्षा की तैयारी हो सकेगी। हर दिन के लेक्चर को कोचिंग क्लास में दिए जाने वाले पैटर्न व पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसके साथ हर दिन विद्यार्थियों को होम और प्रेक्टिस के लिए भी कोर्स बताया जाएगा। दूसरे दिन क्लास रूम की तरह ही लेक्चर होगा और होम वर्क रिपिट किया जाएगा। यदि जो विद्यार्थी उत्तर या किसी विषय को लेकर भ्रमित है तो वे उनका लेक्चर सुनकर अपनी समस्या दूर कर सकेंगे। युवाओं को यह सुविधा निःशुल्क मिलेगी। फिलहाल विज्ञान यात्रा का कार्यक्रम इस तर्ज पर रेडियो में चल रहा है।  चूंकि भारत गांव में बसता है और देश की प्रतिभाएं भी गांव में होती है। जरूरत है तो बस इन प्रतिभाओं को निकालने की, लेकिन आर्थिक और अन्य सुविधाओं के आभाव में ये प्रतिभाएं बाहर नहीं आ पाती है। जीवनयापन के संघर्ष में गांव व वनांचल के युवा पढ़ाई नहीं कर पाते। जो पढ़ाई करने में सक्षम है, आर्थिक रूप में कमजोर होने के कारण उनकी पढ़ाई में बाधा आ जाती है। इस सुविधा से वनांचल और दूरस्थ ग्रामीण अंचल तक रेडियो के माध्यम से जानकारी घर&घर पहुंचेगी। गरीब और जरूरतमंद युवा बिना मोटी फीस दिए आईएएस, आईपीएस, रेलवे आदि परीक्षा की तैयारी कर सकेगा। साथ शहर में जाकर कोचिंग करने के लिए भटकने की जरूरत नहीं होगी।  

सुविधा 21वीं सदी की : राज्यपाल

रेडियो रामन का शुभारंभ करते समय राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने कहा था, कि विश्वविद्यालय में रेडियो की यह सुविधा 21वीं सदी के समान है। यहां के विद्यार्थियों को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय के इस प्रयास की भी सराहना की कि रेडियो के माध्यम से विभिन्न विषय विशेषज्ञों के लेक्चर अब एक क्लास रूम से बाहर निकलकर लोगों तक भी पहुंचेगी। यह विश्वविद्यालय भले ही आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में हैं,किन्तु सुविधाओं के हिसाब से यह 21वीं सदी का विश्वविद्यालय है।  

 

नये सत्र में प्रवेश प्रारंभ

शिक्षा सत्र 2014&15 में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विद्यार्थियों को यहां कॅरियर ओरिएंटेड कोर्सेस की जानकारी देने के साथ रूचि के अनुसार विषय चयन के लिए योग्य एवं अनुभवी प्राध्यापकों द्वारा मार्गदर्शन दिया जा रहा है। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद अब कॅरियर के प्रति सजग विद्यार्थी व अभिभावक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रोजगारोन्मुखी पढ़ाई के संबंध में जानने और प्रवेश लेने को लेकर सक्रिय हो गए हैं। विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने आए अभिभावक का कहना है कि अब जमाना बदल चुका है। पारंपरिक रूप से होने वाली पढ़ाई अब हाईटेक हो गई है। ऐसे में बच्चों के साथ उनके माता&पिता को भी रूचि और जानकारी लेना पड़ता है, ताकि बच्चों को भविष्य की राह दिखाई जा सके। सीवीआरयू के प्राध्यापकों ने सभी विषयों के बारे में विस्तार से बताया है।

नये पाठयक्रमों के लिए मिली मान्यता

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् ने इस वर्ष डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग में दो एमटेक पाठ्यक्रम व दो पॉलिटेक्नीक पाठ्यक्रम की मान्यता दी है। अब  विश्वविद्यालय में चालू शैक्षणिक सत्र 2014&15 से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और वीएलएसआई डिजाईनिंग में एमटेक और पॉलिटेक्नीक में कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की जाएगी। नई मान्यता मिलने के बाद विश्वविद्यालय में कुल 6 पाठ्यक्रम में एमटेक की पढ़ाई होगी। इसी तरह पॉलिटेक्नीक में कुल 4 ब्रांच में कोर्स संचालित किए जाएंगे। वर्तमान में विश्वविद्यालय में 7 ब्रांच में इंजीनियरिंग  और 4 ब्रांच में एमटेक की पढ़ाई कराई जा रही है। इसमें सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग,ईईई, ईसीई,सीएसई और आईटी शामिल हैं।  एमटेक में वर्तमान में डिजीटल कम्युनिकेशन, पावर सिस्टम, कम्प्यूटर साइंस, और प्रोडक्शन इंजीनियरिंग के कोर्स संचालित है।

शोध से लेकर डिप्लोमा तक के अवसर

डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए शोध से लेकर डिप्लोमा तक के अवसर है। वर्तमान में यहां पीएच.डी कार्यक्रम व एमफिल के माध्यम से शोध के कार्य तो किए ही जा रहे हैं साथ ही इंजीनियरिंग,एमटेक ,बीएड, एमएड, एमएससी(आईटी) ,बीसीए, डीसीए, पीजीडीसीए, पीजीडीसीएचएमई, एमबीए, बीबीए, बी.कॉम, एम.कॉम, बी.एस.सी., एम.एस.सी., एम.लिब, बी.लिब, एमएसडब्ल्यू, एमजेएमसी, बीजेएमसी, एमए, बीए, एलएलएम, एलएलबी, बीएएलएलबी, जैसे रोजगारोन्मुखी पाठÎक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके साथ विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक लैब और सेंट्रल लायब्रेरी स्थापित की गई है। लायब्रेरी में 50 हजार से अधिक किताबें है। इसी तरह हाईटेक लेग्वेज लैब भी है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए साल भर तक पढ़ाई के साथ खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां भी होती है जिसमें भाग लेकर विद्यार्थी अपनी प्रतिभा को निखारते हैं। विश्वविद्यालय में देश की नामी कंपनियां कैपस इंटरव्यू लेने आती है। प्रवेश लेने आने वाले छात्र&छात्राओं के मार्गदर्शन के लिए विश्वविद्यालय परिसर में विशेष सेल का भी गठन किया गया है। विश्वविद्यालय में रोजगारोन्मुखी पाठÎक्रमों के साथ अब कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय में नए&नए कोर्सेस शुरु करने के साथ नई सुविधाएं भी उपलब्ध कराने का काम जोरों से चल रहा है।

विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को दी विदाई

डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में नए सत्र में प्रवेश के साथ पढ़ाई पूरी कर चुके विद्यार्थियों के विदाई का सिलसिला भी जारी है। विश्वविद्यालय के एम.एस.सी केमेस्ट्री फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को एम.एस.सी.प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों व विज्ञान संकाय ने भावभीनी विदाई दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने सभी विद्यार्थियों की उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें नए जीवन की शुभकामनाएं दी। विश्वविद्यालय के सम&कुलपति ने कहा कि जीवन में तकलीफ आएगी और विचलित भी करेंगी, लेकिन ऐसे समय में हिम्मत नहीं हारना है। कुछ समय तक संघर्ष करना और समस्या खत्म हो जाएगी। सभी विद्यार्थी दृढ़ इच्छाशक्ति का संकल्प लेकर जाएं, ताकि जीवन की कठिन परिस्थति में आपके कदम न डगमगा सके।

ऐटोमिक एर्ब्जावशन स्पेक्ट्रोफोटो मीटर का शुभारंभ

विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के लैब में ऐटोमिक एर्ब्जावशन स्पेक्ट्रोफोटो मीटर का शुभारंभ हुआ। छत्तीसगढ़ के शिक्षा जगत में रसायन शात्र के शोध के ऐसे उपकरण नहीं हैं। इसकी कीमत 20 लाख रूपए है। कुलसचिव ने बताया कि औद्यौगिक विकास का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर पड़ा है। उनके निकलने वाले प्रदूषित पानी से नदियां प्रदूषित हो रही हैं। पीने के पानी का स्रोत भी औद्योगिक विकास से प्रभावित हो गया है। ऐसे में मानव जीवन की रक्षा करना बेहद जरूरी है। श्री पाण्डेय ने बताया कि पेयजल के दूषित होने से विभिन्न रसायन पानी में मिलकर उसे जहरीला बना रहे हैं। इसकी जांच करना कठिन है और महानगरों की लैब पर निर्भर रहना पड़ता है। अब इस ऐटोमिक एर्ब्जावशन स्पेक्ट्रोफोटो मीटर से हर पेयजल से विभिन्न विषैले मौजूद धात्विक तत्व जैसे मरकरी, लैड, आयरन, कॉपर कोबाल्ट जैसे तत्व की जांच कर सकेंगे। 

                                                                                                                                   किषोर सिंह ठाकुर,

                                                                                                            जनसंपर्क, सीवीआरयू, कोटा (छ.ग.)