अब बिना कार्ड और पासवर्ड एटीएम से निकलेंगे रुपए
अब नई तकनीक से एटीएम से बिना पासवर्ड के आप पैसे निकाल सकेंगे। एटीएम से रुपए निकालने के लिए न तो कार्ड की आवश्यकता होगी और न ही पासवर्ड की। केवल फिंगरप्रिंट के जरिए आप रुपए निकाल सकते हैं। यह सुविधा डीसीबी बैंक ने शुरू की है। आधार से जुड़ी इस प्रक्रिया में ग्राहकों को बिना पासवर्ड के अपनी बायोमैट्रिक जानकारियों के जरिए ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। डीसीबी के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव मुरली नटराजन के अनुसार ‘हमने देश में पहला एटीएम शुरू किया है जो आधार के डेटा इस्तेमाल करके ऑपरेट होता है। इससे कार्ड के बिना भी ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। यूजर एटीएम पर या तो 12 अंकों का आधार नंबर डाल सकते हैं या फिर कार्ड स्वाइप कर सकते हैं। इसके बाद पहचान की पुष्टि के चरण में पासवर्ड की बजाय बायोमीट्रिक जानकारियों की जरूरत होगी। इसके बाद स्कैनर पर उंगली रखकर पुष्टि होगी और आप आसानी से ट्रांजेक्शन कर पाएंगे।
हाथ ही बन सकता है स्मार्ट फोन!
अब एक ऐसी रिस्ट बैंड का निर्माण हो चुका है जो आपके हाथ को टच स्क्रीन में बदलने में सक्षम है। स्मार्ट फोन और टेबलेट से किए जाने वाले सारे काम आप अपने हाथ की स्किन पर ही कर सकते हैं। यह अनोखी रिस्ट बैंड ‘सीक्रेट ब्रेस्लेट’ नाम से आई है लगभग 6 महीने की कड़ी मेहनत से बनाई गई यह रिस्ट बैंड एक प्रोजेक्टर तथा 8 प्रोक्सिमिट सेंसर के जरिए यह कमाल करती है जिससे आपके हाथ की स्किन अपने आप टचस्क्रीन में बदल जाती है। इसे एक ट्विस्ट ऑफर दी रिस्ट के तहत एक्टिवेट करना होता है इसके बाद यह पहनने वाले व्यक्ति के हाथ पर एक टचस्क्रीन बना देती है। सीक्रेट ब्रेस्लेट रिस्ट बैंड वाय-फाय, ब्लूटुथ तथा माइक्रो यूएसबी के जरिए एंड्रॉयड स्मार्ट फोन और टेबलेट से कनेक्ट हो जाती है फिर यूजर के स्मार्ट फोन अथवा टेबलेट पर आने वाले किसी भी मैसेज, ईमेल अथवा फोन कॉल की हर जानकारी यूजर अपने हाथ पर ही देख सकता है। अपनी उंगलियों की सहायता से ई-मेल और मैसेज को ऊपर-नीचे, आगे-पीछे तथा छोटा-बड़ा करके भी देख सकता है। इस रिस्ट बैंड को 16 जीबी और 32 जीबी इंटरनल मेमोरी के साथ लाया है जिसके तहत किसी भी डेटा को इसमें सेव किया जा सकता है जल्द ही यह डिवाइस मार्केट में लगभग 25 हजार रूपए कीमत के साथ मिलने लगेगी।
अंधाधुंध ऐप डाउनलोड करने के खतरे
ऐप के बारे में बिना कुछ जानकारी के डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है। ऐप और मोबाइल कॉमर्स कंपनियों ने इस पूरी प्रक्रिया में अपने लिए बिजनेस का मौका ढूंढ निकाला है। एक बार जब आप खरीदारी करने की तैयारी करते हैं तो आपका ई-मेल, मोबाइल ई-कॉमर्स कंपनी के पास होता है। जब आपकी खरीदारी पूरी हो जाती है तो क्रेडिट या डेबिट कार्ड के बारे में भी जानकारी ई-कॉमर्स कंपनी के पास होती है। इसीलिए उन्हें आप पर नजर रखने में और आपकी पसंद समझने में आसानी होती है। उसी तरह ऐप को भी जब आप डाउनलोड करते हैं तो आपका फोन नंबर, ईमेल और अक्सर आपके फोन में सभी नंबरों के बारे में उसके पास जानकारी होती है। अगर आपने किसी भी वेबसाइट के ऐप को डाउनलोड कर लिया है तो उस ऐप को स्मार्टफोन से जानकारी लेने की इजाजत जरूर दी होगी। जो भी एसएमएस आपके स्मार्टफोन पर आता है ऐप उसको पढ़ सकता है। अगर आपने फ्लिपकार्ट के ऐप को डाउनलोड किया है और कभी अमेजन से सामान खरीदा है तो फ्लिपकार्ट तक उसकी खबर जरूर पहुँच जायेगी। जब भी आप अपने स्मार्टफोन या टैबलेट पर कुछ खरीदने के लिए ढूंढ रहे होते हैं तो एक विशेष सॉफ्टवेयर आपकी पसंद पर पैनी नजर रखता है। आपकी डिवाइस के इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस से वेबसाइट को आपके पहले की पसंदों के बारे में भी पता होता है और उस जानकारी के हिसाब से वेबसाइट आपको वैसे ही सामान दिखाता है।