कॅरियर


टेक्सटाइल इंजीनियरिंग 

संजय गोस्वामी

पिछले कुछ समय से इसने बहुत तेजी से उन्नति हुई है और इसमें व्यवसाय के भी बेहतर विकल्प खुले हैं। यहां तक कि आप विदेश में भी काम कर सकते हैं। साथ ही इसमें आमदनी के भी अच्छे अवसर हैं। टेक्सटाइल, डिजाइनिंग कोर्स कुछ समय से युवा वर्ग में काफी लोकप्रिय हुआ है और बड़ी संख्या में युवा इसे अपना रहे हैं। भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में कई बड़े और क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। नए किस्म के फैब्रिक तैयार किए जा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल कपड़ों से लेकर सड़क निर्माण में हो रहा है। वहीं, देश में मशीन या हैंडलूम आधारित हजारों की संख्या में टेक्सटाइल मिल्स खुल गए हैं। फैशन और गारमेंट इंडस्ट्री भी दिनों दिन विकसित हो रही है। ऐसे में टेक्सटाइल इंजीनियरिंग एक लोकप्रिय कॅरियर विकल्प के रूप में उभरा है। अब अगर आप भी इस फील्ड में उतरने की योजना बना रहे हैं, तो टेक्सटाइल में कॅरियर के रूप अनुभवी प्रोफेशनल के तौर पर डिजाइनिंग में कॅरियर को नया आयाम दे सकते हैं। भारतीय कपड़ा उद्योग तेजी से प्रगति पर है और देश को भारी राजस्व दिया है। यह इंजीनियरिंग, जूट, धागा द्वारा कपड़े के डिजाइन, नैनो तकनीक द्वारा कपड़े डिजाइन, रसायन विज्ञान, प्रबंधन, कम्प्यूटर, परिधान, विपणन/बिक्री, कौशल और गुणवत्ता नियंत्रण संबंधित क्षेत्र है जो टेक्सटाइल इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए अहम है। एक टेक्सटाइल डिजाइनर को काफी कुछ फैशन डिजाइनर की तरह ही काम करना होता है। इसमें फैब्रिक पर भिन्न-भिन्न डिजाइंस वगैरह को अपनी गतिविधि के साथ पेश करना होता है। इसके लिए बुनाई से लेकर भिन्न-भिन्न कॉम्बिनेशन का ज्ञान होना अहम है। टेक्सटाइल डिजाइनिंग में कॅरियर बनाने के लिए डिफरेंट थ्रेड कॉम्बिनेशन की नॉलेज होना अहम है। एक टेक्सटाइल डिजाइनर अपनी गतिविधि के जरिए डिफरेंट डिजाइंस को कपड़े पर बनाता करता है। जो डिजाइनर जितना अलग सोचेगा, वह उतना ही सक्सेसफुल होगा। डिजाइन करने में डिजाइनिंग रिसर्च का अनुभव भी होना चाहिए। डिजाइनर को यह भी मालूम होना चाहिए कि किस तरह के डिजाइन मांग में हैं, तभी वह अच्छा व्यवसाय कर सकता है। इसमें फैशन ट्रेंड, कलर व थ्रेड वगैरह भी आना चाहिए। एक टेक्सटाइल टेक्नॉलॉजिस्ट का काम अपैरल, स्पोर्ट, शिपिंग, डिफेंस, मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोटिव, मेडिकल, पेपर-मेकिंग, फूड, फर्नीचर, एयरोस्पेस, हॉर्टीकल्चर, आर्किटेक्चर, कंस्ट्रक्शन, एग्रीकल्चर, माइनिंग जैसे सेक्टर्स में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स को तैयार करना होता है। मसलन जियो टेक्सटाइल का इस्तेमाल सड़क निर्माण में हो रहा है।
टेक्सटाइल डिजाइनर डिजाइनिंग का खाका, रंगाई और बहुत सी चीजों पर काम करता है। डिजाइन स्टूडियो में लंबा समय नमूना व डिजाइन तैयार करने में लगता है। जब भी नया डिजाइन तैयार होता है, तो पहले कपड़े के बैकग्राउंड और डिजाइन के कॉन्सेप्ट को समझना होता है टेक्सटाइल डिजाइनर में कुछ पर्सनल क्वॉलिटीज का होना आवश्यक है। मसलन, अलग-अलग डिजाइनिंग में उसकी रुचि हो या फिर उसकी ड्राईग बहुत अच्छी हो। उसे फैशन व ट्रेंड की नॉलेज हो। यह सब बातें एक डिजाइनर के कॅरियर को सक्सेसफुल बनाने के लिए बहुत जरूरी हैं। इस प्रोफेशनल में घंटों काम करना पड़ता है। फैब्रिक डिजाइन एक ऐसी फील्ड है जिसमें डिजाइन और कंट्रोल से लेकर टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग की पूरी प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है। यूं कहें कि इंजीनियरिंग के सिद्धांतों के साथ-साथ नए फाइबर, यार्न या फैब्रिक डिजाइन और मैन्युफैक्चर करने की तकनीक की जानकारी इसमें हासिल की जाती है। इससे सड़कें ज्यादा टिकाऊ बन रही हैं। उनमें सॉयल इरोजन नहीं होता है इस फील्ड में करियर बनाने के लिए साइंस में दिलचस्पी होना जरूरी है। साथ ही नए टेक्सटाइल फाइबर के निर्माण को लेकर एप्टिट्यूड होना चाहिए यानी फैब्रिक में रुचि होना फायदेमंद रहेगा। इस कॅरियर में बेहतर करने के लिए आपके पास अच्छी कम्युनिकेशन और एनालिटिकल स्किल भी होनी जरूरी है। इसके अलावा, जिनके पास टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया में तकनीकी समस्याओं को सुलझाने की क्षमता, सक्रियता, सर्जनात्मकता, मैकेनिकल स्किल्स और तार्किक सोच हो।

साइंटिफिक काम के मौके

टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के ग्रेजुएट आरऐंडडी, टेक्निकल सेल्स, क्वॉलिटी कंट्रोल, प्रोसेस इंजीनियरिंग, प्रोडक्शन कंट्रोल या कॉरपोरेट मैनेजमेंट में करियर बना सकते हैं। इसके अलावा शिक्षण कार्य या रिसर्च से भी जुड़ सकते हैं। आज कई बड़ी कंपनियों के अपने आरऐंडडी डिवीजन हैं। देश की शीर्ष टेक्सटाइल कंपनियों, बॉम्बे डाइंग, लक्ष्मी मशीन वर्क्स, अरविंद मिल्स, जेटीटी लिमिटेड आदि में काम करने के अनेक मौके मिल सकते हैं। वहीं, विदेशों में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में टेक्सटाइल इंजीनियर्स की सबसे ज्यादा मांग है। नॉन-वूवन इंडस्ट्री में भी टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के ग्रेजुएट्स काम कर सकते हैं। आप एंटरप्रेन्योर के तौर पर भी कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं। इन सबके अलावा बड़ी संख्या में गवर्नमेंट स्पॉन्सर्ड सिल्क, हैंडलूम, जूट, खादी और क्राफ्ट डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन में टेक्सटाइल टेक्नॉलॉजी एक्सपर्ट के तौर पर करियर बना सकते हैं। टेक्सटाइल इंजीनियरिंग वस्त्र उपकरण और प्रक्रियाओं के विशिष्ट ज्ञान के साथ इंजीनियरिंग के सिद्धांतों का उपयोग करता है। पाठ्यक्रम भी यांत्रिक, विद्युत और औद्योगिक और केमिकल इंजीनियरिंग सहित अन्य इंजीनियरिंग विषयों से है। वस्त्र उद्योग मूल रूप से प्राकृतिक कपड़े और सिंथेटिक दोनों के विभिन्न प्रकार के निर्माण के रूप में  उत्पादन मशीनरी और नई प्रौद्योगिकी शामिल है। उद्योग काम अर्थात् अनुसंधान और विकास, विनिर्माण और बिक्री के तीन प्रमुख क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है। एक टेक्सटाइल डिजाइनर को कपड़े, छपाई, रंगाई, कशीदाकारी और डिजाइन प्रोसेस आदि की नॉलेज भलीभांति होनी चाहिए। उसे कपड़े के रेशे व सूत के इतिहास के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा टेक्निकल नॉलेज जैसे करघे को चलाना, डिफरेंट थ्रेड्स को आपस में मिक्स एंड मैच करना भी आना चाहिए।

सैलरी

बीई/बीटेक टेक्सटाइल इंजीनियर्स शुरुआत में सालाना 5-10 लाख रुपये आसानी से कमा सकते हैं। अगर आईआईटी सरीखे किसी इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन किया है, तो मार्केट में अच्छा पे-पैकेज मिलने की उम्मीद रहती है।

प्रमुख संस्थान

  • गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी-डी)
  • आईआईटी, बीएचयू, ,वाराणसी
  • डी.के. ते. सोसायटी के टेक्सटाइल एंड इंजीनियरिंग संस्थान, कोल्हापुर
  • जूट और फाइबर प्रौद्योगिकी विभाग, जूट प्रौद्योगिकी , संस्थान, हावड़ा
  • के डॉ. बी आर अम्बेडकर नेशनल इंस्टिट्यूट प्रौद्योगिकी, जालंधर 
  • प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग (थ्ज्म्.बी), बड़ौदा, गुजरात
  • इंजीनियरिंग और वस्त्र प्रौद्योगिकी (ळब्म्ज्ज्ै), श्रीरामपुर, हावड़ा 
  • गवर्नमेंट इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी कॉलेज,मुर्शिदाबाद
  • अल्फा कॉलेज ऑफ टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, चेन्नई
  • चेन्नई, तमिलनाडु, कॉलेज ऑफ टेक्सटाइल टेक्नॉलॉजी, बरहामपुर
  • अलगप्पा कॉलेज ऑफ टेक्नॉलॉजी, चेन्नई 
  • टेक्सटाइल प्रौद्योगिकी संस्थान अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई 
  • अनुराधा इंजीनियरिंग कॉलेज (एईसी), बुलढाणा, महाराष्ट्र, भारत
  • सत्य मंगलम प्रौद्योगिकी संस्थान, बनारी, तमिलनाडु, भारत
  • बापूजी इंस्टिट्यूट ऑफ, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, देवनगिरि, कर्नाटक
  • कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी,अकोला, महाराष्ट्र, भारत
  • नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी (सीईटी), भुवनेश्वर 
  • नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ फैशन टेक्नॉलॉजी, नई दिल्ली।
  • इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ फैशन टेक्नॉलॉजी, ग्रेटर कैलाश, नई दिल्ली।
  • एकेडमी ऑफ फैशन स्टडीज, नई दिल्ली।
  • इंटर नेशनल वुमन पॉलीटेक्नीक, नई दिल्ली।

 

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