‘इलेक्ट्रॉनिकी अपके लिये’ इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर विज्ञान एवं नये तकनीकी विषयों में हो रहे नित-नूतन परिवर्तनों से हिन्दी में लोगों विशेषकर बच्चों को अवगत कराने वाली देश की पहली हिन्दी पत्रिका है। इसका प्रकाशन वर्ष 1988 से लगातार किया जा रहा है। प्रारम्भ के दो वर्षों तक पत्रिका का स्वरूप त्रैमासिक था। फिर इसका प्रकाशन द्वैमासिक हुआ तथा वर्ष 1995 आते-आते पत्रिका मासिक रूप से निकलने लगी। पिछले 30 वर्षों से पत्रिका सतत् रूप से प्रकाशित हो रही है। पत्रिका की लगभग 40,000 प्रतियां प्रतिमाह निकलती हैं। प्रसार संख्या का यह आंकड़ा संभवतः देश की अन्य प्रमुख हिन्दी पत्रिकाओं की प्रसार संख्या से अधिक है।
पुरस्कार
  • राष्ट्रीय राजभाषा शील्ड सम्मान : छत्तीसगढ़ के राज्यपाल महामहिम श्री ई.एस.एल नरसिम्हन द्वारा अक्टूबर 2009 में राष्ट्रीय राजभाषा शील्ड सम्मान प्रदान किया गया।
  • राष्ट्रीय राजभाषा शील्ड सम्मान : पांडिचेरी के ले। गवर्नर श्री इकबाल सिंह द्वारा अक्टूबर 2009 में राष्ट्रीय राजभाषा शील्ड सम्मान प्रदान किया गया।
  • भारतेन्दु पुरस्कार : पत्रिका को दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहाल द्वारा भारतेन्दु पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • रामेश्वर गुरु पुरस्कार : पत्रिका को माधव राव स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान द्वारा 21 अप्रेल 2008 में रामेश्वर गुरु पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • सारस्वत सम्मान : 16 अप्रैल 2015 में पत्रिका को विज्ञान परिषद प्रयाग, इलाहाबाद द्वारा सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया।
इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर, विज्ञान एवं नई तकनीक की हिन्दी में प्रकाशित होने वाली एकमात्र पत्रिका है जिसे उक्त चारों पुरस्कार मिले। इन पुरस्कार और सम्मान समारोह में इस बात को विशेष रूप से रेखांकित किया गया कि अपने कुशल संपादन से इस पत्रिका ने विज्ञान को सरलीकृत किया है और उपरोक्त सभी विषयों को रोचक ढंग से आम पाठक तक पहुँचाया है।
विज्ञान लेखकों का मंच 
इस बीच देश के लोकप्रिय विज्ञान लेखक इससे जुड़े हैं तथा कई युवा विज्ञान लेखकों को पत्रिका ने प्रोत्साहित भी किया है। इनमें कुछ उल्लेखनीय नाम शामिल हैं, प्रमुख विज्ञान संचारक प्रो। यशपाल, लक्ष्मण प्रसाद, डॉ। नरेन्द्र सहगल, डॉ। शिवगोपाल मिश्र, देवेन्द्र मेवाड़ी, डॉ। जयंत विष्णु नार्लिकर, डॉ। आर। गोपीचंद्रन, अनुज सिन्हा, अरविन्द गुप्ता, मीरा नांदगांवकर, मधु पंत, डॉ। मनोज पटैरिया, कालीशंकर, अवधेश कुमार श्रीवास्तव, राकेश शुक्ला, डॉ। अरविन्द मिश्र, डॉ। डी.डी। ओझा, डॉ। पी.के। मुखर्जी, डॉ। विजय कुमार उपाध्याय, डॉ। दिनेश मणि, डॉ। डी। बालसुब्रमण्यम, शुकदेव प्रसाद, डॉ। देवेन्द्र मेवाड़ी, सुभाष चंद्र लखेड़ा, श्रीमती शशि शुक्ला, डॉ। एन.के। तिवारी, मनोहर नोतानी, राजीव रंजन उपाध्याय, श्रीमती कल्पना कुलश्रेष्ठ, श्रीमती संगीता चतुर्वेदी, ललित कोटियाल, संतोष शुक्ला, अनुराग सीठा, जी.डी। सूथा, डॉ। के.आर.के.मोहन, जे.कोनेटी राव, सी.एल। शर्मा, आलोक हल्दर, बृजमोहन गुप्ता, जीशान हैदर जैदी, हरीश गोयल, डॉ। कृष्ण कुमार, डॉ। नकुल पराशर, प्रवीण कुमार, पंकज मौर्य, यतीन चतुर्वेदी, संजीव गुप्ता, मनीष मोहन गोरे, शुभ्रता मिश्रा, शुचि मिश्रा, नवीनत कुमार, सचिन नरवडि़या, प्रमोद दीक्षित, डॉ। रूचि बागड़देव, डॉ.स्वाति तिवारी, सनोज कुमार, प्रमोद भार्गव, ज़ाहिद खान, शरद को कोकास, राग तेलंग, डॉ। मघु पंत, डॉ। अरविंद गुप्ता, अरुण कुमार पाठक, प्रज्ञा गौतम, दिव्या पाण्डेय, गोवर्धन यादव इत्यादि के नाम प्राथमिक रूप से दर्ज है। रेखांकित किया जा सकता है कि इनमें अधिकांश लेखक देश-देशान्तरों में सम्मानित हुए हैं।
पत्रिका के विशेषांक 
पत्रिका के समय-समय पर कई विशेषांक प्रकाशित हुए जिसमें अलबर्ट आइंस्टाइन विशेषांक, ग्रामीण विकास में आईटी, पर्यावरण एवं आईटी, हार्डवेयर, मल्टीमीडिया, स्वास्थ्य एवं आईटी, अपराध एवं आईटी, सॉफ्टवेयर, अंतरिक्ष, ई-गवर्नेंस, सूचना प्रौद्योगिकी, ई-प्रकाशन, रोजगार एवं कम्प्यूटर पाठयक्रम, आईटी और हिन्दी, पर्यावरण तथा कॅरियर, अक्षय ऊर्जा, ई-प्रबंधन ग्रीन टेक्नॉलॉजी में दुर्लभ धातुएं, ब्रह्मांड के मौन संगीत का मर्म, उद्यमशीलता और नवोन्मेष विशेषांक, हिन्दी विज्ञान लेखन विशेषांक, भू-पुरातत्वीय इतिहास की खोज में ‘ऑप्टिकली स्टिमुलेटेड लुमनेसन्स’ ड्रोनवार, इंटरनेट की तेज रफ्तार, आइंस्टाइन ने बदला भौतिकी का चेहरा, रोबोट का रोचक संसार, क्यों आया नेपाल में विनाशकारी भूकंप, खतरनाक हैं एंटीबायोटिक्स, 25 से अधिक विज्ञान संचारकों के साक्षात्कार, 30 से अधिक विभिन्न क्षेत्रों में कॅरियर की संभावनाएं, जी सैट 9 उपग्रह का सफल प्रमोचन सम्मिलित हैं।